JAPAN KA KALA SACH (कम्फ़र्ट वुमन्स)


                                                 JAPAN KA KALA SACH (कम्फ़र्ट वुमन्स)   

                                                             एक अफ़सोसनाक विषय



              (कम्फ़र्ट वुमन्स)    एक अफ़सोसनाक विषय हैं। कम्फ़र्ट वुमन एक उपनाम था जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापानी सेना के लिए सेक्स रैकेट का हिस्सा था। जापानी सेना ने अनेक अभियोगों के तहत अधिकतर एशियाई देशों से युवा लड़कियों और महिलाओं को अपने वश में कर लिया था जो उन्हें सेक्स स्लेव्स के रूप में काम करने के लिए बाध्य किया गया था।


       कम्फ़र्ट वुमन्स का मुख्य शिकार चीन, कोरिया और फिलीपींस जैसे देश रहे। ये महिलाएं भोजन, परिवहन और अन्य आवश्यकताओं से वंचित थीं और सेना के कैंप और अन्य स्थानों में बंद रखी जाती थीं जहां वे योनि संबंधी शोषण, अत्याचार और दुर्व्यवहार का शिकार होती थीं।

          इस विषय पर बहुत सी बहस हुई है और इसके बारे में कई अन्तरराष्ट्रीय अधिकारिक जांच भी हुई हैं। जापान सरकार ने इस विषय पर कुछ जवाब भी दिए हैं और एक कमेटी ने भी इस विषय की जांच की

     एक कमेटी ने भी इस विषय की जांच की थी जिसमें कम्फ़र्ट वुमन्स से संबंधित जापानी सेना के अनेक उच्च स्तरीय अधिकारियों द्वारा अपराधों के लिए माफी मांगने की सिफारिश की गई थी। इसके बाद जापान सरकार ने 2015 में फिर से माफी मांगने के लिए एक नई कमेटी बनाई थी जिसमें सरकार ने दो लाख डॉलर का सहायता भी देने का फैसला किया था।

         जापान सरकार ने इस मुद्दे को एक समझौते के तहत संलग्न करने की कोशिशें भी की हैं। इसके अलावा, जापान ने कम्फ़र्ट वुमन्स से संबंधित जापानी सेना के उच्च स्तरीय अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी है। हालांकि, इस मुद्दे पर अभी भी बहुत सारी बहस है और इसका असली समाधान अभी तक नहीं हुआ है।

                   कम्फ़र्ट वुमन्स के मामले में, जापान सरकार के साथ-साथ उनकी सेना भी लगातार अपनी गलतियों को स्वीकार करती रही है। सेना ने अपने आपको जापान समेत कई अन्य देशों के ज़ुल्म के शिकारों के बारे में उचित रूप से जागरूक नहीं किया था।

जापान सरकार ने कम्फ़र्ट वुमन्स को भुगतान देने के लिए कुछ पहल की है, लेकिन कुछ लोगों को यह भुगतान कम और असंतोषजनक लगा। इस विषय में अभी तक बहुत सारे मुद्दे हैं और यह एक तरह से विवादित विषय रहा है। इसके अलावा, कम्फ़र्ट वुमन्स के अनेक संगठन अपने अधिकारों के लिए अभी तक संघर्ष कर रहे हैं।

        कुछ लोगों का मानना है कि जापान सरकार को और ज्यादा भुगतान करना चाहिए ताकि कम्फ़र्ट वुमन्स के साथ हुए अन्य अपराधों का भी मुआवजा दिया जा सके। वे यह भी दावा करते हैं कि जापान सरकार ने कम्फ़र्ट वुमन्स के साथ हुए जुर्मों के लिए पूर्ण जिम्मेदारी नहीं ली है। दूसरी ओर, कुछ लोग यह भी कहते हैं कि अब जो भुगतान हुआ है, वह पर्याप्त है और अब इस मुद्दे को पीछे छोड़ देना चाहिए।

         जापान सरकार ने कम्फ़र्ट वुमन्स से संबंधित इतिहास के बारे में अधिक शिक्षा और जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं।

        इलावा, जापान सरकार ने कम्फ़र्ट वुमन्स के लिए एक विशेष कोष भी स्थापित किया है, जिसका उद्देश्य उनकी सहायता और समर्थन करना है। इसके अलावा, कम्फ़र्ट वुमन्स के लिए एक म्यूजियम भी स्थापित किया गया है, जो इनके जीवन के बारे में जानकारी देता है।

           विवादित मुद्दों के बावजूद, जापान सरकार ने कम्फ़र्ट वुमन्स के साथ हुए अन्य अपराधों के लिए माफी मांगने की नहीं सोची है। इसके बजाय, वे कम्फ़र्ट वुमन्स के लिए समर्पित संस्थाओं के साथ मिलकर उन्हें समर्थन करने और इस विषय पर जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठा रहे हैं।

               इस तरह से, कम्फ़र्ट वुमन्स के मामले में जापान सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन इस मुद्दे को अभी भी बहुत से लोगों ने विवादित बताया है।

कम्फ़र्ट वुमन्स के मामले में, जापान सरकार के साथ-साथ उनकी सेना भी लगातार अपनी गलतियों को स्वीकार करती रही है। सेना ने अपने आपको जापान समेत कई अन्य देशों के ज़ुल्म के शिकारों के बारे में उचित रूप से जागरूक नहीं किया था। जापान की सेना ने अभी हाल ही में कम्फ़र्ट वुमन्स के मामले में अपने गलत करनामों को स्वीकार किया है और माफ़ी मांगी है। इसके अलावा, सेना ने जापानी समुदाय के साथ मिलकर कम्फ़र्ट वुमन्स के खिलाफ हुए अत्याचारों के लिए खुला और सख्ती से स्पष्टीकरण दिया है।।

             कुछ समय पहले ही, जापान सरकार ने कम्फ़र्ट वुमन्स के मामले में जारी एक रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर यह बताया था कि सेना ने अपनी गलतियों को स्वीकार कर लिया है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए इच्छुक है।

इसके अलावा, कम्फ़र्ट वुमन्स के मामले में संयुक्त राज्य अमेरिका ने भी जापान सरकार को आलोचना की है और उनसे मांग की है कि वे इस मामले को समझें ..................................


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